EPF Kya Hai Aur Ye Kaise Kaam Karta Hai: प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले हर एक इंसान के दिमाग में एक सवाल हमेशा रहता है कि अगर कहीं किसी कारण बस या फिर ज्यादा उम्र हो जाने के कारण उसकी नौकरी छूट जाती है तो उस समय उसकी पैसों कि जरुरत कैसे पूरी होगी। हर किसी के इस सवाल का एक जवाब है EPF जिसको हिंदी में कर्मचारी भविष्य निधि। EPF एक सरकारी योजना है, इसको EPFO डिपार्टमेंट देखता है और ये डिपार्टमेंट भारत सरकार के आधीन आता है। सीधे शब्दों EPF योजना को भारत सरकार ही चलाती है। EPF नौकरी छूटने या रिटायरमेंट के बाद प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालों कि आर्थिक रूप से मदद करती है। आज हम EPF Kya Hai Aur Ye Kaise Kaam Karta Hai इसके बारे में आसान भाषा में समझेंगे।

EPF क्या है?
EPF कैसे काम करता है ये जानने से पहले हम ये जानते हैं कि EPF क्या होता है। EPF को हिंदी में कर्मचारी भविष्य निधि कहा जाता है। ये एक प्रकार कि सरकारी योजना है और ये भारत सरकार द्वारा चलाई जाती है, इसमें प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों की मंथली सैलरी से कुछ पैसा काट कर इसमें जमा किया जाता है, और उतना ही पैसा प्राइवेट सेक्टर में उस एम्प्लोयी को नौकरी देने वाला एम्प्लायर जमा करता है। इसमें जमा हुए पैसे पर सरकार ब्याज भी देती है। जब किसी कारण बस किसी की नौकरी छूट जाती है या फिर रिटायर हो जाने के बाद ये जमा किया हुआ पैसा ब्याज के साथ मिल जाता है और पेंशन फण्ड से एम्प्लोयी को पेंशन भी लगती है।
EPFO क्या है?
EPF के बारे में जानने के साथ साथ हमें ये भी पता होना चाहिए की EPFO क्या है। EPF एम्प्लोयी का फण्ड है और इसको चलाने वाले संगठन को EPFO कहा जाता है, हिंदी में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन। ये संगठन EPF के एकाउंट्स का संचालन करता है। EPFO संगठन का काम इसके लाखों मेंबर्स के EPF के पैसे को सुरक्षित रखने का है। ये संगठन ये भी ध्यान रखता है की क्या एम्प्लायर साथ से EPF जमा करवा रहा है या नहीं। इस साथ साथ एम्प्लोयी के जमा हुए पैसे पर ब्याज ऐड करना भी इसी संगठन का काम है।
EPF कैसे काम करता है?
EPF Kya Hai Aur Ye Kaise Kaam Karta Hai की इस पोस्ट में EPF, EPFO के बारे में जानने के बाद अब ये जानते हैं की EPF कैसे काम करता है।

एम्प्लायर रजिस्ट्रेशन (Employer Registration):
EPF में पहले एम्प्लायर यानि की जो प्राइवेट सेक्टर की कम्पनीज या फर्म होती है उनको रजिस्ट्रेशन लेनी पड़ती है। इस रजिस्ट्रेशन के लिए जिस कंपनी या फर्म में 20 से अधिक एम्प्लाइज काम करते हैं उनको ये रजिस्ट्रेशन लेना जरुरी होता है, लेकिन इससे कम एम्प्लोयी वाली कंपनी और फर्म को भी रजिस्ट्रेशन मिल जाता है। EPF की रजिस्ट्रेशन का एम्प्लायर को EPFO डिपार्टमेंट की साइड से एक कोड दिया जाता है। इस कोड से ही एम्प्लायर का सारा का सारा EPF का काम किया जाता है।
एम्प्लोयी रजिस्ट्रेशन (Employee Registration):
जो एम्प्लायर EPF में रजिस्टर्ड होता है उसको उसकी कंपनी या फर्म में काम करने वाले एम्प्लोयी या वर्कर्स को EPF में रजिस्टर्ड करना पड़ता है। एम्प्लोयी की रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद एम्प्लायर के पास एम्प्लोयी की PF आईडी बन जाती है और इसके साथ उस एम्प्लोयी का UAN नंबर भी बन जाता है। एम्प्लोयी के इसी UAN में एम्प्लायर हर महीने PF की कंट्रीब्यूशन जमा करवाता है।
UAN नंबर:
EPF को जमा करने के लिए एक अकाउंट बनाया जाता है जिसको यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) कहा जाता है। ये UAN एम्प्लोयी के अलग PF एकाउंट्स को एक जगह मेन्टेन करने में मदद करता है। UAN ऑनलाइन PF से जुडी जानकारी देखने में मदद करता है, इससे अलग अलग PF एकाउंट्स के बैलेंस को एक जगह इकठा किया जा सकता है, इससे PF की पासबुक डाउनलोड की जा सकती है, इसी में जाकर PF खाते की नॉमिनेशन की जा सकती है और पैसा निकलना इत्यादि सभी प्रकार के काम इसी से किये जा सकते हैं। ज्यादा जानने के लिए ये वीडियो देखें:
योगदान (Contribution):
रेजिस्ट्रेशन्स पूरी हो जाने के बाद एम्प्लायर को पिछले महीने में एम्प्लोयी के काम का EPF अगले महीने की 15 तारीख तक जमा करवाना होता है। इस कंट्रीब्यूशन में प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले हर एम्प्लोयी की बेसिक सैलरी और डिअरनेस अलाउंस (DA) का या फिर EPF की Ceiling लिमिट 15000 रूपए का 12% हिस्सा एम्प्लोयी के PF खाते में जमा करवारने का है। इसके साथ एम्प्लायर की साइड से भी इसमें 12% जमा किया जाता है। इस 24% में से 15.67% एम्प्लोयी के EPF में जाता है और 8.33% पेंशन फण्ड में जाता है।
ब्याज (Interest):
हर महीने जमा हुए EPF पैसे के ऊपर सरकार सालाना ब्याज देती है। ये ब्याज सिर्फ EPF पर मिलता है और पेंशन फण्ड पर ब्याज नहीं मिलता। ब्याज का रेट फिक्स नहीं रहता ये बदलता रहता है। ब्याज का रेट लगभग 8% से 8.5% के बीच में रहता है।
FAQs
Q. 1. EPF पासबुक कैसे देखें?
Ans: EPF पासबुक देखने के लिए इस https://passbook.epfindia.gov.in/MemberPassBook/login पोर्टल पर जाएँ और लॉगिन करें, दूसरा UMANG ऐप से भी बैलेंस देखा जा सकता है।
Q. 2. EPF में नॉमिनी जोड़ना क्यों जरूरी है?
Ans: EPF में नॉमिनी जोड़ने का ये फायदा है की कल को अगर EPF मेंबर को कुछ हो जाता है तो उस मेंबर के EPF के पैसा का फायदा उसके द्वारा रजिस्टर किये नॉमिनी को मिल जाता है।
Q. 3. EPF खाते में कितनी बार पैसा जमा होता है?
Ans: EPF खाते में हर महीने पैसा जमा किया जाता है। 12 महीने में 12 बार जमा होता है।
निष्कर्ष
आज की इस पोस्टEPF Kya Hai Aur Ye Kaise Kaam Karta Hai के निष्कर्ष में हम बताना चाहते हैं की प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले और जिनके एम्प्लायर EPF में रजिस्टर हैं उनके लिए ये योजना बहुत अच्छी है। कई लोग पैसे बचने के चक्कर में कई बार इसमें कंट्रीब्यूशन करने के लिए मना कर देते हैं लेकिन ये नहीं सोचते की इसके कितने फायदे होते हैं। लास्ट में हम तो इतना ही कहना चाहते हैं की प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले जिस भी एम्प्लोयी के पास EPF कटवाने की ऑप्शन हो उसको जरूर अपना EPF कटवाना चाहिए और भविष्य में इसका फायदा उठाना चाहिए।
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धन्यवाद।
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